Tuesday 13 March 2018

 
                ब्लॉग और वेबपेज का निर्माण  ४ घंटे के लिए स्कूल की वेबसाइट का निर्माण करें |

इस लेख में सबसे पहले आओ जानतें हैं ब्लॉग और वेबपेज क्या होता है और इसको अलग अलग तरीके से परिभाषित करतें हैं

ब्लॉग क्या है?

ब्लॉग (Blog) एक ऐसी जगह है जहाँ पर हर रोजहर घंटे कुछ--कुछ नया सिखने को मिलता है  वहाँ हर रोज़, हर घंटे नये-नये Post Updates होते रहते है। ब्लॉग एक प्रकार के व्यक्तिगत जालपृष्ठ (वेबसाइटहोते हैं जिन्हें दैनन्दिनी (डायरीकी तरह लिखा जाता है। इनके विषय सामान्य भी हो सकते हैं और विशेष भी। हर ब्लॉग में कुछ Article, कुछ फोटो और  कुछ Video भी हो सकती हैं। हिन्दी भाषा के अनुसार ब्लॉग को "चिठ्ठा"कहा जाता है। 'चिट्ठा' शब्द पहले हिन्दी चिट्ठाकार (Indian blogger) आलोक कुमार द्वारा प्रतिपादित/Found किया गया थाजो कि अब Internet पर हिन्दी दुनिया में प्रचलित हो गया है। "चिठ्ठाशब्द अब Google द्वारा भी अपने शब्दकोश/Dictionary में शामिल किया जा चुका है। हिन्दी का पहला चिट्ठा नौ दो ग्यारह माना जाता है जिसे आलोक कुमार ने पोस्ट किया था। ब्लॉग के लिये चिट्ठा शब्द भी उन्हीं ने प्रदिपादित किया था जो कि अब इण्टरनेट पर इसके लिये प्रचलित हो चुका है

ब्लॉग शब्द की उत्पत्ति -

Blog एक अंग्रेजी शब्द है जो की Weblog  शब्द का एक सूक्ष्म (Short Name) रूप है। weblog नाम 1997 में Jorn Berger ने दियाजिसे आगे चलकर 1999 में Merholz ने इसका short नाम रखा Blog जो आज इस नाम से प्रसिद्ध हैलोग इसी नाम से जानते हैतथा यह शब्द इन्टरनेट पर प्रचलित हो गया है। 
दोस्तों आपको पता ही होगा की लोग पुराने ज़माने या कुछ सालों पहले यानि लगभग 20 साल पहलेलोग Dairy, पत्रिकाअपने सुझाव या कुछ महत्वपूर्ण बातें इत्यादिलिखा करते थेया share किया करते थे। आज के आधुनिक युग (modern age ) में लोग इन्टरनेट पर  लिखना यानि ब्लॉग लिखना पसंद करते हैं,  उसे share करते है। इसी को ब्लॉग कहा जाता है। ब्लॉग किसी भी विषय पर लिखा जा सकता है। ब्लॉग लिखने वाले को ब्लॉगर (Blogger) भी कहा जाता है ओर जो काम ब्लॉग पर होता है उसे ब्लॉग्गिंग (Blogging) कहा जाता है। 
ब्लॉग बनाने के फायदे –
आमतोर पर ब्लॉग बनाकर या Blogging करके हमें कोई नुकशान नहीं होताबल्कि ब्लॉग से फायदे ही फायदे है। कुछ points/तथ्य यहाँ इस प्रकार दिया गया है।
  • अपनी ज्ञान को एक दुसरे से share / बाँट करके यानि ब्लॉग में articles को लिखकेब्लॉग से हम पैसे भी कमा सकते है।
  • इन्टरनेट की दुनिया में अपनी पहचान बना सकते है। 
  • ब्लॉग एक ऐसा जरिया जहाँ पर आपको कुछ-न-कुछ न्यू जानकारिय मिलती रहती है। आप इसे सीखते भी हैओर सिखाते भी है। 
  • ब्लॉग बनाना बहुत ही आसन है, simple ब्लॉग बनाने में हमें Technical Knowledge  या coding की जानकारी जरुरत नही पड़ती।
  • ब्लॉग एक एसा जगह हैजहाँ आप अपनी बातों को कम समय में हजारों लोगो तक पंहुचा सकते हों। 
  • ब्लॉग किसी भी भाषा में लिखा सकते है।  इसमें कोई रोक-टोक नही है। 
  • ब्लॉग बनाने के लिए कोई Technical पढाई जरुरी नही पड़तीब्लॉग कोई-भी आम-व्यक्ति बना सकता है।  
  • सबसे बड़ी बात तो यह है की Blogging करके आपका ज्ञान कम नही होताबल्कि ज्ञान बढ़ता है। 

वेबपेज क्या है ?

वेबपेज (webpage) एक तरह का पन्ना या दस्तावेज/डॉक्यूमेंट होता हैजिसे इंटरनेट के जरिए हम आसानी से देख सकते हैं। इस तरह के वेब पन्नों में वेब कड़ियों का उपयोग किया जाता हैजिससे उसी वेबसाइट के अन्य पन्नों या किसी दूसरे वेबसाइट में भी जाया जा सकता है। कंप्यूटर या मोबाइल में इन वेब पन्नों को देखने के लिए वेब ब्राउजर का उपयोग किया जाता है। इनमें से कुछ दस्तावेजों की जानकारी को देखने के लिए फ्लैश या जावा का उपयोग करना पड़ता है। हालांकि वर्तमान समय में बहुत कम वेबसाइट में ही फ्लैश और जावा की जरूरत होती है।
वेबपेज(webpage)  एक HTML Document होता हैक्योंकि वेबपेज को मुख्यत: HTML में ही लिखा जाता हैHTML भाषा के अलावा इन्हे अन्य प्रोग्रामिंग भाषाओं में भी लिखा जाता है  दुनिया का पहला Webpage अथवा HTML Document  श्रीमान  Tim Berners Lee द्वारा सन 1991 में बनाया गया थापहले वेबपेज को लिखने के लिए HTML भाषा का उपयोग किया गया थाऔर आज भी इस भाषा का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है

एचटीएमएल(HTML) क्या है ?

एचटीएमएल एक प्रोग्रामिंग  लैंग्वेज/भाषा है जो वेबपेज  और वेबसाइट बनाने में प्रयोग किया जाता है । जिसका पूरा नाम हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज(Hyper Text Markup Language) है। इस लैंग्वेज/भाषा को कोडिंग लैंग्वेज /भाषा भी कहा जाता है। इसको वेबसाइट अथवा वेबपेज डिजाईन करने के लिए प्रयोग किया जाता है। हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज(Hyper Text Markup Language) कई टैग्स से मिलकर बनी होती है । इसको हम कोडिंग करके एक वेबपेज तैयार करतें हैं और उसके बाद हम कंप्यूटर के ब्राउज़र पर इसको  चलाते हैं 

वेबपेज के प्रकार –

वेबपेज मुख्यतः दो प्रकार की होती है 
·         स्टैटिक/static वेबपेज
·         डायनामिक/dynamic वेबपेज
static और dynamic वेबपेज में कुछ अंतर इस प्रकार से है । स्टैटिक वेबपेज वह पेज होता है जिसको हम ब्राउज़र पर केवल  read/पढ़ सकतें हैं जबकि dynamic वेबपेज वह पेज होता है जिसमे content हमेशा  बदलता रहता है static और dynamic  दोनों वेबपेजों  में HTML का प्रयोग होता है ।

४ घंटे के लिए स्कूल की वेबसाइट का निर्माण कैसे करें ?

उपर्युक्त लेख में हमने ब्लॉग और वेबपेज के बारे में जाना । अब आतें हैं हम ४ घंटे के लिए स्कूल की वेबसाइट का निर्माण कैसे करें । यदि हम ४ घंटे के लिए स्कूल की वेबसाइट बनानी है तो हम कोडिंग का प्रयोग नहीं करेंगे क्यूंकि कोडिंग करने में काफी समय लग सकता है । बल्कि हमें content management system(CMS)  या गूगल ब्लोगस्पॉट में से कोई एक टूल प्रयोग करना चाहिए जिससे वेबपेज बनाने में कम समय लगे और इसे होस्ट भी कर सकतें हैं और इसे किसी एक पर्टिकुलर यूआरएल (URL) के द्वारा कहीं से भी एक्सेस कर सकते हैं
आज के समय में एक छोटी सी वेबसाइट अथवा वेबपेज बनाने केलिए  बहुत सारी टूल्स  अथवा templates इन्टरनेट पर उपलब्ध है जो इस प्रकार है  wix.com, wordpressJoomla, blogger, आदि ऐसे templates प्रयोग की जा रही है जो समय और ज्यादा कोडिंग से छुटकारा मिलाता है 

निष्कर्ष/Conclusion 

ब्लॉग और वेबपेज के बारे में जानने के बाद हमें यह निष्कर्ष निकालता है  कि  हम ४ घंटे के लिए स्कूल की वेबसाइट का निर्माण templates अथवा टूल्स की मदद से कर सकतें हैं 

No comments:

Post a Comment